Sunday 20 January 2013

अम्बा वाला अर्थात अम्बाला

हरियाणा में स्थित अम्बाला बहुत खूबसूरत स्थान है। कहा जाता है कि अम्बाला की स्थापना अम्बा राजपूतों ने 14वीं शताब्दी में की थी। अम्बाला शहर भारत के हरियाणा राज्य का एक मुख्य एवं ऐतिहासिक शहर है। यह भारत की राजधानी दिल्ली से दो सौ किलो मीटर उत्तर की ओर शेरशाह सूरी मार्ग(राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 1) पर स्थित है। अंबाला छावनी एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है। अंबाला जिला हरियाणा एंव पंजाब राज्यों की सीमा पर स्थित है। अंबाला छावनी देश का प्रमुख सैन्य आगार है। भौगोलिक स्थिति के कारण पर्यट्न के क्षेत्र में भी अंबाला का मह्त्वपूर्ण योगदान है। अम्बाला नाम की उत्पत्ति शायद महाभारत की अम्बालिका के नाम से हुई होगी। आज के जमाने में अम्बाला अपने विज्ञान सामग्री उत्पादन व मिक्सी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। अम्बाला को विज्ञान नगरी कह कर भी पुकारा जाता है कयोंकि यहां वैज्ञानिक उपकरण उद्योग केंद्रित है। भारत के वैज्ञानिक उपकरणों का लगभग चालीस प्रतिशत उत्पादन अम्बाला में ही होता है। एक अन्य मत यह भी है कि यहां पर आमों के बाग बगीचे बहुत थे, जिससे इस का नाम अम्बा वाला अर्थात अम्बाला पड़ गया। इसके पास आमों की खेती की जाती है। बइन इकाईयों में धातु तैयार करने वालीए रसोईघर में काम आने वाले उपकरण बनाने वाली और पानी के पम्प बनाने वाली इकाईयां प्रमुख हैं। इसके पास ही बराड़ा, नागल, मुलाणा, साहा और शहजादपुर आदि शहर भी हैं। पर्यटक चाहें तो इन शहरों में भी घूमने जा सकते हैं। इसके दक्षिण-पूर्व में यमुनानगर, दक्षिण में कुरूक्षेत्र और पश्चिम में पटियाला व रोपड़ स्थित हैं। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 900 फीट है। यह धार्मिक पर्यटन स्थलों से भरा पड़ा है। पर्यटक चाहें तो इन पर्यटक स्थलों की यात्रा पर जा सकते हैं। पर्यटक यहां क्या देखें अम्बाला अपने धार्मिक तीर्थस्थलों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इन स्थलों में मन्दिर, गुरूद्वारे, चर्च और दरगाह-मस्जिदें प्रमुख हैं। पर्यटक यहां पर हिन्दुओं की देवी भवानी का मन्दिर देख सकते हैं। इस मन्दिर का नाम भवानी अम्बा है। मन्दिर देखने के बाद पर्यटक गुरूद्वारे देख सकते हैं। बादशाही बाग गुरूद्वारा, शीशगंज गुरूद्वारा, मंजी साहिब गुरूद्वारा और संगत साहिब गुरूद्वारा यहां के प्रमुख गुरूद्वारे हैं। सिक्ख गुरूओं गुरू गोबिंद सिंह, गुरू तेगबहादुर और गुरू हरगोबिंद सिंह का भी इन गुरूद्वारों से संबंध रहा है। गुरूद्वारों के अलावा यहां का लखीशाह, तैक्वाल शाह और सेंट पॉल चर्च भी पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। चर्च के पास ही एक कब्रिस्तान भी है। यह सब देखने के बाद पर्यटक अम्बाला कैंट में स्थित पटेल पार्क और अम्बाला शहर का सिटी पार्क घूमने जा सकते हैं। इन बगीचों के पास बुरिया में रंगमहल भी है। यह महल बहुत खूबसूरत है। इस महल की आर्क, स्तम्भ और नक्काशी पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। इसका निर्माण शाहजहां के शासनकाल में किया गया था। गुरुदवारा श्री बादशाही बाग साहिब : अम्बाला शहर में सथित है। गुरुदवारा साहिब हिसार को जाने वाली सड़क के पास सथित है। इस अस्थान पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज फागुन की पूरनमाशी को आए थे। गुरु साहिब के साथ मामा कृपाल चंद जीए कई सिख, नीला घोड़ा तथा सफ़ेद बाज़ था। गुरु साहिब लखनोर से शिकार खेलते हुए यहाँ आए। शहर का पीर अमीर दीन अपने बाग़ में बाज़ लेकर खड़ा था। जब उसने गुरु साहिब का सफ़ेद बाज़ देखा तो पीर का मन बेईमान हो गया द्य उसने गुरु साहिब को कहा कि मेरे बाज़ के साथ अपने बाज़ को लड़वाओ, गुरु साहिब अन्तर्यामी थे, समझ गए कि पीर नीती से बाज़ लेना चाहता है।

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